जुड़ें परस्पर हाथ यदि तो समग्र जग में हो विकास। जुड़ें परस्पर हाथ यदि तो समग्र जग में हो विकास।
चलती नव -सजनृ की पुरवाई छू रही है, मुक्त गगन को लेकिन चरण कहां रुक पातें ? चलती नव -सजनृ की पुरवाई छू रही है, मुक्त गगन को लेकिन चरण कहां रुक पा...
हर चुनौती को स्वीकार कर उम्मीद की रोशनी लिये बढ़ हर चुनौती को स्वीकार कर उम्मीद की रोशनी लिये बढ़
इसका मजा ही अलग होता है, बस इसमें समाया स्वर्ग सुख खास है। इसका मजा ही अलग होता है, बस इसमें समाया स्वर्ग सुख खास है।
दोस्ती ऐसी गहन है, जो बिन कहे ही साथ देती है। दोस्ती ऐसी गहन है, जो बिन कहे ही साथ देती है।
रंग बिरंगी तितलियों जैसे फहराते हैं मेरे ख्वाब। रंग बिरंगी तितलियों जैसे फहराते हैं मेरे ख्वाब।